लखनऊ : (मानवीय सोच) आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है और न ही उनकी मांगों पर सुनवाई हो रही है। जिसके चलते आउटसोर्सिंग कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त होता जा रहा है। एक बार फिर आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की मांगों को लेकर संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। साथ ही यह भी कहा है कि यदि आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की मांग पूरी नहीं होती है। तो आन्दोलन ही उनके सामने आखिरी रास्ता रह जायेगा।
संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ की तरफ से मुख्यमंत्री को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि प्रदेश के चिकित्सा संस्थान, मेडिकल कॉलेज, चिकित्सालय, होम्योपैथी और कोविड में कार्यरत लाखो आउटसोर्स कर्मचारी पिछले कई वर्ष से सरकार के उदासीनता के शिकार हो रहे है । जिससे कर्मचारियों की समस्या कम होने की बजाया बढ़ती जा रही है। कर्मचारियों की जो प्रमुख समस्या है, उसमें वेतन न बढ़ना , छुट्टी की व्यवस्था न होना, कोविड कर्मचारियों की सेवा समाप्ति, स्थाई नीति न होना जैसी तमाम बातें शामिल हैं। कर्मचारी इतनी महंगाई के बाद भी पिछले कई वर्ष से कम वेतनमान पर कार्य कर रहे है।