कर्नाटक पुलिस के विशेष जांच दल (SIT) ने कर्नाटक हाई कोर्ट को बताया कि रेप के आरोपी जनता दल (सेकुलर) के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना की मां भवानी रेवन्ना यौन उत्पीड़न की 7 पीड़ितों से संपर्क में बनी हुई थीं, ताकि उन्हें आपराधिक शिकायत दर्ज कराने से रोका जा सके. यौन शोषण यह मामला लोकसभा चुनाव के बीच आया था, हालांकि मामला सामने आने तक कर्नाटक में सभी सीटों पर वोटिंग हो चुकी थी
एसआईटी ने 14 जून को हाई कोर्ट में भवानी की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका पर बहस के दौरान यौन उत्पीड़न की पीड़िता के अपहरण में 55 साल भवानी की पहचान मास्टरमाइंड और सरगना के रूप में की. फिलहाल हाई कोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है, लेकिन 7 जून को गिरफ्तारी के खिलाफ दी गई अंतरिम सुरक्षा को एक हफ्ते के लिए बढ़ा दिया, साथ ही भवानी को एसआईटी के समक्ष पेश होकर जांच में सहयोग करने को कहा है.
हाई कोर्ट को यह भी बताया गया कि जांच से पता चला है कि भवानी “सात पीड़ितों को अपने जाल में फंसाने में कामयाब रही”. एसपीपी रविवर्मा कुमार ने अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करने के लिए एसआईटी द्वारा हाई कोर्ट में दायर आपत्तियों के एक बयान का हवाला देते हुए कहा, “याचिकाकर्ता ने न्याय को नाकाम करने के लिए अलग-अलग तरीकों से यौन उत्पीड़न के पीड़ितों को चुप कराने के लिए अपने बेटे प्रज्वल रेवन्ना की तस्वीरों और वीडियो में पाई गई कुछ पीड़ितों तथा अन्य महिलाओं से संपर्क करने के कई प्रयास किए.”