अब गन्ने के बजाय मक्के से एथेनॉल तैयार करने की तैयारी है। इसके लिए कृषि विभाग और चीनी मिल संचालकों के बीच दो दौर की बातचीत हो गई है। हर चीनी मिल क्षेत्र में मक्के का रकबा भी चिह्नित किया जाएगा। इसे चार साल में दो लाख हेक्टेयर बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। मक्का विकास से जुड़े उपकरणों को अनुदान पर उपलब्ध कराया जाएगा। अभी तक प्रदेश में करीब 15 कंपनियां एथेनॉल तैयार करती हैं।
इनकी संख्या भी बढ़ाने की तैयारी है। केंद्र सरकार की ओर से पेट्रोल में 20 फीसदी एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखा गया है। एथेनॉल का उत्पादन गन्ना, धान और मक्के से होता है। गन्ना और धान में पानी की ज्यादा जरूरत पड़ती है। ऐसे में मक्के को एथेनॉल के लिए ज्यादा उपयुक्त माना जा रहा है। उत्तर प्रदेश में यह खरीफ, जायद और रबी सीजन में उगाई जाती है। यही वजह है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने त्वरित मक्का विकास योजना शुरू की है। इसके लिए 2024-25 में 27.68 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।