नितिन गडकरी ने विपक्ष से मिले प्रधानमंत्री पद के समर्थन के ऑफर को ठुकराया

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि एक बार एक नेता ने प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल होने पर उन्हें समर्थन देने की पेशकश की थी. लेकिन उन्होंने यह कहते हुए प्रस्ताव को ठुकरा दिया था कि उनकी ऐसी कोई लालसा नहीं है. गडकरी ने कहा, मुझे एक घटना याद है- मैं किसी का नाम नहीं लूंगा. उस व्यक्ति ने कहा था कि अगर आप प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं, तो हम आपका समर्थन करेंगे.

हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि यह वाकया कब का है. भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, लेकिन, मैंने पूछा कि उस विपक्ष के नेता से कहा आपको मेरा समर्थन क्यों करना चाहिए और मुझे आपका समर्थन क्यों लेना चाहिए? प्रधानमंत्री बनना मेरे जीवन का लक्ष्य नहीं है. मैं अपने मान्यता और संगठन के प्रति वफादार हूं. मैं किसी भी पद के लिए समझौता नहीं करूंगा क्योंकि मेरा दृढ़ निश्चिय मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण है.

गडकरी ने ये बात एक पुरुस्कार समारोह के दौरान कही. गडकरी ने समारोह में चार वरिष्ठ पत्रकारों को पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए 2023-24 के अनिलकुमार पुरस्कार से सम्मानित किया.जिसमें विवेक देशपांडे (पूर्व में इंडियन एक्सप्रेस में), रामू भागवत (टाइम्स ऑफ इंडिया से सेवानिवृत्त), श्रीमंत माने (संपादक, लोकमत विदर्भ) और राम भाकरे (लोकसत्ता) को अवॉर्ड मिला. अपने भाषण में नितिन गडकरी ने पत्रकारिता और राजनीति दोनों में नैतिकता के महत्व को रेखांकित किया.

सीपीआई के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के साथ एक बैठक को याद करते हुए, नितिन गडकरी ने कहा कि उन्होंने कम्युनिस्ट नेता से कहा था कि दिवंगत ए बी बर्धन नागपुर और विदर्भ के सबसे बड़े राजनेताओं में से एक थे. जब नेता ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि बर्धनआरएसएस) के विरोधी थे तो नितिन गडकरी ने कहा कि ईमानदार विपक्ष का सम्मान किया जाना चाहिए.