1,778 करोड़ का आया है खर्च
प्रोबा-3, यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ईएसओ) के प्रोबा सीरीज का तीसरा सोलर मिशन है। खास बात ये है कि प्रोबा सीरीज के पहले मिशन को भी इसरो ने ही 2001 में लॉन्च किया था। प्रोबा-3 मिशन के लिए स्पेन, बेल्जियम, पोलैंड, इटली और स्विट्जरलैंड की टीमों ने काम किया है। इस पर करीब 20 करोड़ यूरो (करीब 1,778 करोड़ रुपये) का खर्च आया है।
सूर्य के कोरोना का अध्ययन करेगा प्रोबा-3
प्रोबा-3 मिशन के जरिए वैज्ञानिक सूर्य के अंदरूनी और बाहरी कोरोना के बीच बने काले घेरे का अध्ययन करेंगे। सूर्य के कोरोना का तापमान 20 लाख डिग्री फेरनहाइट तक जाता है। किसी उपकरण की मदद से इसका अध्ययन करना मुमकिन नहीं होता है। प्रोबा-3 के दो सैटेलाइट कोरोनाग्राफ (310 किग्रा) और ऑकल्टर (240 किग्रा) मिलकर सूर्यग्रहण की नकल बनाएंगे। इससे सूर्य से निकलने वाली तीव्र रोशनी को रोका जा सकेगा और ऐसा करने से सूर्य के कोरोना का अध्ययन करना भी आसान हो जाएगा। वैज्ञानिक पता लगाएंगे कि आखिर सूर्य के कोरोना का तापमान उसकी सतह से इतना अधिक क्यों होता है।