मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि आज विधानमण्डल की कार्रवाई प्रारम्भ होने के साथ ही उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल जी समवेत सदन में अपना महत्वपूर्ण अभिभाषण प्रस्तुत करेंगी। कल राज्यपाल जी के अभिभाषण पर सदन में चर्चा होगी।
आगामी 20 फरवरी को उत्तर प्रदेश का वर्ष 2025-26 का सामान्य बजट प्रस्तुत होगा। सदन 18 फरवरी से 05 मार्च, 2025 तक के लिए प्रस्तावित किया गया है। उत्तर प्रदेश के इतिहास में ऐसे बहुत कम क्षण आए हैं, जब इतने लंबे समय के लिए सदन आहूत किया गया हो।
मुख्यमंत्री जी आज यहां विधान भवन परिसर में विधान मण्डल सत्र से पूर्व मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष राज्यों में विधान मण्डल का प्रारम्भिक सत्र महामहिम राज्यपाल के अभिभाषण से प्रारम्भ होता है।
इसके अतिरिक्त वर्ष भर के लिए राज्य सरकार का बजट भी इसी सत्र के दौरान पारित होता है। अन्य विधायी कार्यों के साथ ही जनहित व राज्य के विकास से जुड़े हुए महत्वपूर्ण मुद्दों पर सदन में चर्चा होती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के परसेप्शन में व्यापक बदलाव आया है। वर्तमान परिस्थितियां प्रदेश को देश व दुनिया के लिए आकर्षण का केन्द्र बना रही हैं।
प्रदेश सरकार ने विगत 08 वर्षों में राज्य में विकास के नए व अभूतपूर्व प्रतिमान स्थापित किए हैं। इसकी झलक राज्यपाल जी के अभिभाषण व सदन में चर्चा-परिचर्चा के माध्यम से देखने को मिलती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से सम्पन्न कराने का दायित्व सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष का भी होता है। हम विपक्ष से सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से संचालित करने में अपना सकारात्मक योगदान देने की अपेक्षा करते हैं।
यदि विपक्ष सार्थक चर्चा को आगे बढ़ाने में मदद करेगा, तो यह एक बहुत अच्छा बजट सत्र साबित हो सकता है। सदन सार्थक चर्चा का मंच बनना चाहिए।
आरोप-प्रत्यारोप व असंसदीय आचरण से समस्या का समाधान नहीं हो सकता है। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि विपक्ष राज्यपाल जी के अभिभाषण पर चर्चा से सुदृढ़ और मर्यादित संसदीय आचरण की शुरुआत करेगा, जिससे लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति आमजन की आस्था को और अधिक मजबूत करने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आगामी 05 मार्च तक चलने वाली सदन की कार्यवाही में राज्यपाल जी के अभिभाषण पर चर्चा करने, सभी सदस्यों को अपनी बात रखने तथा सामान्य बजट व अनुदान मांगों पर चर्चा करने का भी अवसर प्राप्त होगा। सदन विधायी कार्यों को संपन्न करने के साथ-साथ जनहित से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रभावी चर्चा का मंच बन सकता है।
अभिभाषण और बजट स्वयं में समग्रता को समाहित किए हुए दो महत्वपूर्ण मुद्दे होते हैं, जिन पर विपक्ष के साथ-साथ सदन का प्रत्येक सदस्य अपनी बात को प्रभावी ढंग से रख सकता है। इसके इतर यदि विपक्ष किसी मुद्दे पर चर्चा करना चाहेगा, तो सरकार उसका तथ्यात्मक जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है।