उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि होली आपसी सद्भाव व मेल मिलाप के साथ दूरियों को कम करने का त्योहार है। एकता के सूत्र में बांधने का जो संदेश महाकुम्भ ने दिया है, होली उस भाव की पुष्टि करती है। हमारा सनातन धर्म अत्यन्त अद्भुत है। उत्साह व उमंग के साथ सनातन परम्परा के सद्भाव व सौहार्द को प्रत्येक भारतीय तक पहुंचाने की आवश्यकता है। होली के उपलक्ष्य में अलग-अलग जगहों पर विभिन्न कार्यक्रम चल रहे हैं। आज यहां लड्डूमार होली है व कल विश्व प्रसिद्ध लट्ठमार होली होगी।
मुख्यमंत्री जी आज जनपद मथुरा के श्री राधा बिहारी इण्टर कॉलेज बरसाना में रंगोत्सव-2025 (07 से 22 मार्च, 2025) का शुभारम्भ करने के पश्चात इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। ज्ञातव्य है कि यह उत्सव उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने सभी को होली एवं रंगोत्सव की बधाई देते हुए कहा कि विगत 5,000 वर्षों से भारत की सनातन संस्कृति को नई ऊर्जा से ओत-प्रोत करने वाली ब्रजभूमि के कण-कण में सनातन धर्मावलम्बी श्री राधा व श्री कृष्ण के दर्शन कर अभिभूत होते हैं तथा लोक मंगल से युक्त कार्यक्रमों को आगे बढ़ा पाते हैं। उन्होंने कहा कि उनका सौभाग्य है कि उन्हें इस धरा पर बार-बार आने तथा नमन करने का अवसर प्राप्त होता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में काशी का कायाकल्प हुआ है। 500 वर्षों की प्रतीक्षा के पश्चात प्रभु श्रीरामलला के अयोध्या धाम में विराजमान होने के अवसर पर अयोध्या नगरी को त्रेता युग की सुंदरतम नगरियों के समान बनाने का काम किया गया है। जैसे अयोध्या आज सुंदरतम नगरी बन चुकी है, हमारा प्रयागराज तीर्थों का राजा बनकर दैदीप्यमान सूर्य के रूप में पूरी दुनिया को आकर्षित कर रहा है तथा काशी का कायाकल्प हुआ है। वैसे ही अब ब्रज भूमि की बारी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मथुरा, वृंदावन, बरसाना, गोकुल, नंदगांव, गोवर्धन तथा बलदेव आदि के विकास के लिए धन की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। श्री राधा रानी के चरणों में निवेदन करने का इससे बड़ा अवसर नहीं प्राप्त होने वाला है। क्योंकि इस समय उनका विशेष आशीर्वाद इस भूमि को प्राप्त होता है। यहां विकास के कार्य तीव्र गति से आगे बढ़ेंगे। आपकी सुरक्षा, विकास तथा समृद्धि की चिंता डबल इंजन सरकार कर रही है। आपको कोई चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
होली के अवसर पर बरसाना आने वाले श्रद्धालुओं को पहली बार यहां रोप-वे की सुविधा प्राप्त हो रही है। इसके माध्यम से सुगमतापूर्वक दर्शन किए जा सकते हैं। इस क्षेत्र को ऐसे ही विकास की अन्य योजनाओं से भी जोड़ा जा चुका है। वर्तमान में 100 करोड़ रुपये की परियोजनाएं प्रगति पर हैं। बजट में इस क्षेत्र के लिए विशेष प्राविधान किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2014 में भारतवासियों को विरासत और विकास की नई परम्परा प्रदान की। इसका परिणाम हमें महाकुम्भ-2025 जैसे भव्य आयोजनों के माध्यम से देखने को मिल रहा है। विरासत और विकास की अद्भुत छटा प्रयागराज, काशी, अयोध्या, विन्ध्यवासिनी धाम तथा ब्रजभूमि में अवलोकित हो रही है। महाशिवरात्रि के अवसर पर काशी में लाखों लोग आए। 13 जनवरी से 26 फरवरी के बीच प्रयागराज में महाकुम्भ का आयोजन हुआ। महाकुम्भ ने दुनिया के सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले। वहां दुनिया ने सनातन धर्म की एकता का अद्भुत, अविस्मरणीय तथा अकल्पनीय समागम देखा है। यह सनातन धर्म के दुर्लभतम क्षणों में से एक है। इसकी सफलता का श्रेय देश और दुनिया के सभी सनातन धर्मावलम्बियों, संस्थाओं तथा पूज्य संतों आदि को जाता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पहले पूज्य संत यमुना मैया के बारे में चिन्ता करते थे। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में अब यमुना मैया भी मां गंगा की तर्ज पर अविरल और निर्मल होकर फिर से 05 हजार वर्ष पुरानी स्मृतियों को जीवन्त बनाने का कार्य करेंगी। हमारे कृष्ण कन्हैया यमुना मैया की गोद में अपने ग्वाल बालों के साथ डुबकी लगाया करते थे। इस प्रकार के दृश्य हमें ब्रजभूमि पर पुनः दिखाई देंगे। यह दिन अब बहुत दूर नहीं है। बरसाना को साक्षात ब्रह्मा जी का प्रतीक माना गया है। नंदगांव भगवान शंकर हैं। गोवर्धन को साक्षात विष्णु भगवान माना गया है। ब्रजभूमि में इन तीनों का संगम है। वह कौन सा व्यक्ति होगा जो ब्रजभूमि की रज को आत्मसात करने का प्रयास नहीं करेगा। हम लोग भी यहां इस आशीर्वाद को लेने के लिए आए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश का सौभाग्य है कि यहां देश की सनातन एकता के प्रतीक तीन महत्वपूर्ण तीर्थ स्थित हैं। देवाधिदेव महादेव का पावन धाम काशी, उत्तर से दक्षिण तक भारत को एकता के सूत्र में हजारों वर्ष पूर्व जोड़ने की आधारशिला रखने वाले मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम की पावन जन्मभूमि अयोध्या धाम तथा पूर्व से पश्चिम तक भारत को एकता के सूत्र में जोड़ने वाली लीला धारी भगवान श्रीकृष्ण की पावन जन्मभूमि व लीला भूमि उत्तर प्रदेश में है।
गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री श्री लक्ष्मी नारायण चौधरी तथा बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संदीप सिंह ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।