मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘विकसित कृषि, विकसित उत्तर प्रदेश/2047’ विषयक संगोष्ठी का किया उद्घाटन।
कृषि वैज्ञानिकों एवं कृषक उत्पादक संगठनों को किया गया सम्मानित, उपकार के 36वें स्थापना दिवस पर कई महत्वपूर्ण घोषणाएं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज लखनऊ स्थित भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान में उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद (उपकार) के 36वें स्थापना दिवस पर आयोजित ‘कृषि वैज्ञानिक सम्मान समारोह’ को संबोधित करते हुए कहा कि “विकसित भारत 2047” के संकल्प की पूर्ति के लिए “विकसित उत्तर प्रदेश” की परिकल्पना को साकार करना अत्यंत आवश्यक है।
इस अवसर पर उन्होंने “विकसित कृषि, विकसित उत्तर प्रदेश / 2047” विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया और उपकार का विशेष गीत भी लॉन्च किया।
समारोह में मुख्यमंत्री ने वर्ष 2023-24 और 2024-25 के लिए चयनित कृषि वैज्ञानिकों और उत्कृष्ट कृषक उत्पादक संगठनों को सम्मानित किया। साथ ही, उत्तर प्रदेश एकेडमी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज (उपास) के पुरस्कार और फेलो भी प्रदान किए।
मुख्यमंत्री ने कहा :
- उत्तर प्रदेश की 86% से अधिक भूमि सिंचित है, जो राज्य को कृषि की दृष्टि से विशेष बनाती है।
- उन्होंने बताया कि राज्य में पहले से 4 कृषि विश्वविद्यालय कार्यरत हैं और 5वां विश्वविद्यालय स्थापित किया जा रहा है।
- राज्य में 15 से अधिक कृषि अनुसंधान संस्थान और 89 कृषि विज्ञान केंद्र सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं। हालांकि, अभी केवल 25-30% किसान ही वैज्ञानिक शोध को अपनी खेती में अपनाते हैं।
- उन्होंने जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का उल्लेख करते हुए लेट वेरायटी बीजों की उपलब्धता और प्रशिक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया।
- किसानों को समय पर जानकारी देने, प्रदर्शन आधारित प्रशिक्षण कराने और अनुसंधान का लाभ जमीनी स्तर तक पहुंचाने की बात कही।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश में कृषि सबसे बड़ा रोजगार देने वाला क्षेत्र है, जिससे लगभग 3 करोड़ किसान जुड़े हुए हैं। उन्होंने एमएसएमई और अन्य क्षेत्रों की भी चर्चा करते हुए कहा कि “कृषि पलायन का कारण नहीं, बल्कि खुशहाली का माध्यम बननी चाहिए।”
इस अवसर पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बुंदेलखंड के सभी 7 जनपदों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया है और दलहन-तिलहन को प्रोत्साहित करने हेतु बीज किट वितरित की गई हैं।
समारोह में विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति, वैज्ञानिक, व वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि उपकार अपने विशिष्ट शोध कार्यक्रमों से उत्तर प्रदेश को विकसित भारत की दिशा में निर्णायक योगदान देगा।