एटा (मानवीय सोच) एटा के जलेसर स्थित बड़े मियां-छोटे मियां की दरगाह सुर्खियों में है। दरगाह कमेटी के विवाद के बाद इस धार्मिक स्थल पर तरह-तरह के बदलाव देखने को मिल रहे हैं। जात से एक दिन पहले यहां लाल रंग के दो ध्वज फहरा दिए गए, जो बुधवार को भी दरगाह पर लगे रहे। इससे पहले दरगाह पर हरे रंग के ध्वज फहराए जाते थे।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां पूर्व में शनिदेव मंदिर था। दरगाह बाद में अतिक्रमण कर बनाई गई। जात की धार्मिक मान्यता मंदिर की ही है। एसडीएम अलीगंज अलंकार अग्निहोत्री ने बताया कि जात करने के लिए हिंदू श्रद्धालु अधिक संख्या में आते हैं। धार्मिक परंपरा के मुताबिक वह नेजा (ध्वज) चढ़ाते हैं। श्रद्धालुओं ने ही यहां ध्वज लगा दिए हैं।
विधायक कर रहे मंदिर का दावा
क्षेत्रीय विधायक संजीव दिवाकर और जलेसर देहात ग्राम पंचायत प्रधान शीलेंद्र सिंह भी इस स्थान पर शनिदेव मंदिर का दावा कर चुके हैं। उनका कहना है कि प्राचीन काल से इस स्थान पर शनिदेव का मंदिर स्थापित था। बाद में दरगाह कमेटी से जुड़े लोगों ने अतिक्रमण कर निर्माण कर लिया। धीरे-धीरे मंदिर का अस्तित्व खत्म करते गए।