लखनऊ (मानवीय सोच) चिकित्सा शिक्षा मंत्री के निरीक्षण और निर्देश किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के डॉक्टर-कर्मचारियों के लिए काफी साबित नहीं हो रहे हैं। यहां आने वाले मरीज और तीमारदारों को इलाज से ज्यादा इनकी दुत्कार झेलनी पड़ती है। ऐसे ही एक मामला चिकित्सा शिक्षा मंत्री ब्रजेश पाठक के संज्ञान में आने के बाद उन्होंने सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने केजीएमयू प्रशासन से मामले पर जवाब मांगते हुए दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में शनिवार को 45 वर्षीय महिला सरिता को न्यूरो संबंधी समस्या की वजह से लाया गया था। महिला की खून की नली फूल रही थी। हालत बिगड़ती देख तीमारदारों ने इलाज का अनुरोध किया। न्यूरो सर्जरी विभाग के जूनियर डॉक्टर अैर रेजीडेंट ने इलाज तो दूर उल्टा तीमारदारों से बदसलूकी की।
इसकी शिकायत चिकित्सा शिक्षा मंत्री ब्रजेश पाठक के पास पहुंच गई। इसका उन्होंने तुरंत संज्ञान लेते हुए केजीएमयू प्रशासन को फटकार लगाई। फटकार के बाद महिला का इलाज शुरू किया गया। ब्रजेश पाठक ने केजीएमयू प्रशासन से संबंधित मामले में रिपोर्ट भी तलब की है।
केजीएमयू के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसएन शंखवार का कहना है कि कुछ गलतफहमी की वजह से ऐसी स्थिति आई है। महिला की खून की नली फूल रही है। उसकी सर्जरी करना संभव नहीं है। एंजियो एंबुलाइजेशन के माध्यम से ही उसका इलाज होना है। इसी की वजह से तीमारदारों को कुछ गलतफहमी हो गई। उनसे बात की गई है। वे संतुष्ट हैं और महिला का इलाज भी अच्छी तरह से हो रहा है।