दिल्ली (मानवीय सोच) जहांगीरपुरी इलाके में हुई हिंसा मामले में गृह मंत्रालय ने बड़ा एक्शन लिया है। हिंसा में शामिल पांच दंगाइयों के खिलाफ अब राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की जाएगी। जानकारी के अनुसार, अंसार, सलीम, इमाम शेख उर्फ सोनू, दिलशादी और आहिदी पर एनएसए लगा है।
बता दें कि कल ही गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस को सख्त निर्देश दिए थे कि दंगाइयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। वहीं, पुलिस ने 10 और संदिग्धों की पहचान कर ली है। इन संदिग्धों की तलाश में पुलिस दिल्ली व आसपास के कि करीब 18 संभावित ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की है।
मामले की जांच में जुटी पुलिस अंसार, सोनू व नाबालिग को 2 दिन के रिमांड पर लेकर उनसे सघन पूछताछ कर रही है। खासकर तीनो के फोन की घटना वाले दिन की लोकेशन से लेकर इनके फोन की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) को खंगालने में जुटी है। करीब 30 संदिग्ध नंबर पुलिस की जांच राडार पर हैं। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि अंसार, सोनू व नाबालिग के कनेक्शन से जुड़े ये 30 नंबर जिनके भी हैं, उनमें से कितने परिजनों के हैं और कितने संदिग्धों के? क्या इन तीनों को लोगों को निर्देश दे रहे थे या फिर इन्हें भी कोई निर्देश देने वाला तो नहीं था? क्राइम ब्रांच की कई टीमें जगह-जगह दबिश देकर संदिग्धों को दबोचने में जुटी हैं। दरअसल पुलिस ने वीडियो के जरिये कई संदिग्धों के चेहरे की पहचान की और लोकल इनपुट से इनके बारे में इनपुट भी हालिस किया है कि ये हिंसा में शामिल थे और ये फरार चल रहे हैं।
जांच टीमें ऐसे बढ़ा रही हैं अपनी तफ्तीश
– फेशिअल रिकग्निशन सिस्टम तकनीक से भीड़ में उपद्रव करने वालों की पहचान कर रही है।
– साइबर इन्वेस्टिगेशन, सोशल मीडिया और दूसरे स्रोतों से वायरल वीडियो एकत्र कर कर रही है।
– डंप डेटा की जांच और मोबाइल के सीडीआर की जांच से फॉरेंसिक के लिए साक्ष्य एकत्र कर रही है
– घटना को लेकर कुल कितनी पीसीआर कॉल आई?किसने कब किस घटना के लिए, इसकी डिटेल ले रही।
– उपद्रव में शामिल लोगों के पुराने आपराधिक रिकॉर्ड खंगाल रही है पुलिस