एसटीएफ ने मांगी भूखंड घोटाले की फाइल, एलडीए में हड़कंप

लखनऊ  (मानवीय सोच) गोमतीनगर विस्तार के सेक्टर छह में हुए भूखंड समायोजन व आवंटन घोटाले की जांच कर रही एसटीएफ के इससे जुड़ी फाइलें मांगने से एलडीए मुख्यालय में हड़कंप मच गया है। खासकर वे 20 अफसर, कर्मचारी परेशान हैं, जो घोटाले में शामिल रहे हैं। इनमें संपत्ति एवं अर्जन के वे अधिकारी, कर्मचारी शामिल हैं, जिन्होंने भूखंड समायोजन एवं आवंटन में मनमानी करके अपनों व खुद को लाभ पहुंचाया है।

एसटीएफ के अपर मुख्य सचिव (गृह) के आदेश पर 03 मार्च और 29 अप्रैल को भूखंडों के समायोजन की 150 फाइलों की फोटोकॉपी और पेन ड्राइव में विवरण मांगा गया। हालांकि, पूरी जानकारी नहीं दी गई। ऐसे में अब एसटीएफ के पुलिस उपाधीक्षक दीपक कुमार सिंह ने 20 मई को एलडीए वीसी अक्षय त्रिपाठी को रिमाइंडर के तौर पर गोपनीय पत्र भेजकर 150 एवं 200 वर्गमीटर के भूखंड आवंटन या समायोजन की मूल फाइलों की फोटोकॉपी तीन दिन में मांगी है। हालांकि, पांच दिन बाद भी जानकारियां नहीं दी जा सकी हैं। एसटीएफ ने फाइलें लाने की जिम्मेदारी उपनिरीक्षक तेज बहादुर सिंह को सौंपी है, जो रोज मुख्यालय आते हैं और दिनभर बैठने के बाद बैरंग लौट जाते हैं।

नहीं मिल रहीं पूरी फाइलें
सूत्रों की मानें तो एलडीए अधिकारियों को सभी फाइलें संपत्ति सेक्शन से नहीं मिल पा रही हैं। इस कारण एसटीएफ को जानकारियां नहीं दी जा रही हैं। ये फाइलें कहां गईं, इसे लेकर खोजबीन जारी है। उधर, कुछ सेक्शन में सुबह से शाम तक फाइलों की फोटोकॉपी ही हो रही है। एक-एक फाइल के 100 से 150 पन्नों की फोटोकॉपी करने में कर्मचारियों के भी पसीने छूट रहे हैं।

एक नजर में मामला
खुफिया विंग ने शासन को भेजी रिपोर्ट में कहा कि पूरे घोटाले में कुछ प्रॉपर्टी डीलरों ने जमीन अधिग्रहण से लेकर बेचने तक में बड़े पैमाने पर खेल किया है। कुछ ने तो फर्जी तरीके से प्लॉट तक बेच डाले हैं। प्रॉपर्टी डीलरों ने राजनेताओं की काली कमाई से गोमतीनगर विस्तार में उनकी बेनामी प्रॉपर्टी खड़ी कर दी। इसमें एलडीए के कुछ अफसरों की संलिप्तता भी बताई जा रही है। वहीं, कम क्षेत्र के भूखंडों का समायोजन कई गुना अधिक भी कर दिया गया है।

फाइलें भेजने का चल रहा काम
एलडीए के सचिव पवन गंगवार का कहना है कि एसटीएफ को मांगी गई सूचना भेजने का काम चल रहा है। जांच एजेंसी को सूची पहले ही भेजी जा चुकी है। इस बार फाइलों की फोटोकॉपी मांगी है, जिसमें समय लग रहा है।

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