अब्बास अंसारी के पिता मुख्तार अंसारी की कब्र पर फातिहा पढ़ने वाली मांग की याचिका पर को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने अब्बास अंसारी को पिता मुख़्तार अंसारी की कब्र पर फातिहा पढ़ने के लिए सशर्त अंतरिम जमानत दे दी है. कोर्ट के फैसले के अनुसार, अब्बास 10 अप्रैल को मुख्तार अंसारी की कब्र पर फतिहा पढ़ सकेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा है कि पूरी सुरक्षा के बीच मे अब्बास अंसारी को ले जाया जाएगा. 10 अप्रैल को फतिहा पढ़ने के बाद अब्बास अंसारी को वापस गाजीपुर लॉकअप में रखा जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 11 और 12 अप्रैल को अब्बास अंसारी अपने परिवार वाले से मुलाकात करेंगे. 13 अप्रैल को अब्बास अंसारी को वापस कासगंज जेल में लाया जाएगा. अंतरिम जमानत के दौरान अब्बास अंसारी कोई मीटिंग और कोई इंटरव्यू नही देंगा.
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा है कि अब्बास को आज (मंगलवार) शाम 5 बजे से पहले कासगंज जेल से निकाल दिया जाए. इस दौरान वह कार्यक्रम अटेंड कर सकते है, लेकिन अपने घर पर शाम को रुक नहीं सकते है और शाम को लॉकअप में रहेंगे. दरअसल, हथियार लाइसेंस मामले में अब्बास अंसारी हिरासत में है.
उन्होंने अपने पिता की आजीवन कारावास की सजा के दौरान 28 मार्च को दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु होने के बाद अपने पिता मुख्तार अंसारी की कब्र पर फातिहा पढ़ने की इजाजत की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट मे याचिका दाखिल की. सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने अब्बास अंसारी की तरफ से दलील देते हुए कहा था कि हमने इस मामले पर आज सुनवाई होनी है और हमने इस मामले में संशोधित याचिका दाखिल की है. वहीं यूपी सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल गरिमा प्रसाद ने अपना विरोध दर्ज करते हुए कहा कि हम इस मामले मे अपना पक्ष रखते हुए कोर्ट की सहायता करेंगे.
योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में क्या कहा?
यूपी सरकार ने विरोध किया कहा कि अब्बास अंसारी के खिलाफ कई केस है और यह गैंगस्टर आरोपी है और जेल के अंदर से धमकी देता है. यूपी सरकार ने कहा कि अब्बास अंसारी गंभीर अपराधों में जेल के अंदर है. यूपी सरकार ने कहा हमारी जानकारी के मुताबिक, ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं है.