BHU परिसर में छात्रा से गैंगरेप के आरोपी जेल से रिहा

समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस ने पिछले साल वाराणसी स्थित आईआईटी-बीएचयू परिसर के अंदर एक छात्रा के साथ कथित सामूहिक बलात्कार की घटना के दो आरोपियों की रिहाई को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला करते हुए कहा कि इससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कथित ‘महिला सुरक्षा’ के पाखंड का पर्दाफाश हो गया है।  सामूहिक बलात्कार के आरोपियों कुणाल पांडे और आनंद उर्फ अभिषेक चौहान की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिनमें उच्च न्यायालय के आदेश के बाद वाराणसी की जेल से उनकी रिहाई पर उनका जोरदार स्वागत होते देखा जा सकता है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति कृष्ण पहल ने गत दो जुलाई को आनंद को और चार जुलाई को कुणाल को जमानत दे दी थी। 

कुणाल के वकील ने दलील दी थी कि उनके मुवक्किल का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और वह 31 दिसंबर 2023 से जेल में बंद है। वाराणसी जिला कारागार के डिप्टी जेलर शिवपूजन मिश्रा ने रविवार को बताया कि जमानत मिलने के बाद कुणाल को तीन अगस्त और आनंद को 29 अगस्त को रिहा कर दिया गया। सपा की वरिष्ठ नेता जूही सिंह ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “महिला सुरक्षा? निष्पक्ष न्याय? कठोर सजा? उत्तर प्रदेश में यह सब सिर्फ बातें हैं।” सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ‘एक्स’ पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि मामले की कमजोर पैरवी के कारण अदालत ने दो आरोपियों को जमानत दे दी। उन्होंने कहा, “जनता भाजपा की राजनीति और अराजकता से तंग आ चुकी है। आज भाजपा की ट्रेन अपने आखिरी स्टेशन पर पहुंच गई है। उसे देश से हाथ जोड़कर माफी मांगनी चाहिए और अपने शासन के दौरान हुई असुविधा के लिए खेद व्यक्त करना चाहिए।”