अकबरनगर के विस्थापितों को बसंतकुंज में मिले अधूरे घर

लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अकबरनगर के विस्थापितों को बसंतकुंज योजना में जो आवास आवंटित किए हैं, वह अभी अधूरे हैं। किसी में दरवाजे नहीं हैं तो किसी में खिड़कियां नहीं हैं। ज्यादातर में वायिरंग का कार्य भी नहीं हुआ है और पानी की आपूर्ति भी नहीं है। कई आवासों तक पहुंचने के रास्ते पर नाला खाेदा पड़ा है। अव्यवस्थाओं के चलते मंगलवार को अकबरनगर से गए कई विस्थापितों का सामान बाहर सड़क पर ही रखा रहा। अकबर नगर बस्ती के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई सोमवार से शुरू हो गई है। दर्जनों बुलडोजर रात दिन मकानों को जमीदोज कर रहे हैं।

यहां के निवासियों को कैंप लगाकर प्रधानमंत्री आवास के आवंटन पत्र बांटे जा रहे हैं। सिर पर छत की आस में भयभीत लोग आवंटन पत्र लेकर गृहस्थी का सामान बटोर लगातार बसंतकुंज योजना की ओर बढ़ रहे हैं। जो नहीं पहुंचे उन्हें सुविधायुक्त नए घर की उम्मीद है। लेकिन जो पहुंच गए वे किस्मत को कोस रहे हैं। यहां पहुंचने पर पता चला कि उन्हें जो आवास दिए गए वो रहने के लायक नही हैं। कॉलोनी में नाली, सड़क तो दूर बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं तक नही हैं।

घर के अंदर दाखिल होने पर पता चला कि दरवाजे नही हैं। जिस घर में कीवाड़ लगे भी हैं तो उनमें कुंडी नही है। शौचालय इतने बदबूदार हैं कि उसमें जाते ही गस खाकर गिर जाएं। जिनके पास पैसे हैं वे प्लंबर और लाइनमैन बुलाकर हालात रहने लायक बनाने का प्रयास कर रहे। लेकिन जो वर्षों से बसाए मकान टूटने के बाद बेघर होने के साथ बेरोगार भी हो गए वे सड़क पर ही सामान रखकर रात गुजार रहे। बावजूद इसके विस्थापितों के पहुंचने का सिलसिला जारी है।