बिजली संशोधन बिल किसान विरोधी नहीं, विरोध करने वालों ने इसे ठीक से पढ़ा नहीं है

नई दिल्‍ली   (मानवीय सोच)  विपक्ष के विरोध के बावजूद केंद्र सरकार की ओर से बिजली मंत्री  आरके सिंह  ने बिजली संशोधन बिल लोकसभा में पेश किया. इसके विरोध में शिरोमणि अकाली दल ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी थी कि आप इस बिल को पेश मत कीजिए. शिरोमणि अकाली दल का कहना है कि यह बिल बिना स्टेक होल्डर की सलाह के लिया गया है. केंद्रीय मंत्री आरके सिंह का कहना है कि यह बिल किसान विरोधी नहीं है. अगर कोई राज्य किसान की मदद करना चाहता है, सब्सिडी देना चाहता है तो उसका कोई विरोध इसमें नहीं है. उन्‍होंने कहा कि जो लोग बिल का विरोध कर रहे हैं, उन्होंने बिल को अच्‍छी तरह से पढ़ा नहीं है. वैसे, विपक्ष के विरोध को देखते हुए बिजली सुधार संशोधन बिल स्टैंडिंग कमेटी को भेजने का फैसला किया गया है

इससे पहले, बिजली मंत्री आरके सिंह ने शुक्रवार को बताया था कि बिजली की बढ़ती मांग के बीच कुल बिजली उत्पादन में अक्षय ऊर्जा का योगदान 25 से लेकर 29 प्रतिशत रहा है. बिजली मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि बृहस्पतिवार शाम को हुई बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के लिए संसदीय सलाहकार समिति की बैठक में मंत्री ने यह जानकारी दी.

केंद्रीय मंत्री सिंह ने संसद सदस्यों के सवालों का जवाब देते हुए कहा था कि हाल के महीनों में जब बिजली की मांग बढ़ी है, तो अक्षय ऊर्जा का (आरई) कुल बिजली उत्पादन में 25 से 29 प्रतिशत हिस्सा रहा. बैठक में लघु एवं मध्यम उपक्रम (एसएमई) के लिए किए गए ऊर्जा दक्षता हस्तक्षेप की उपलब्धियों को भी साझा किया गया. इसके अलावा ऊर्जा संरक्षण के उपायों पर एक प्रस्तुति दी गई. इस बैठक में बताया गया कि मंत्रालय ने राज्यों को मुख्य सचिवों के अधीन ऊर्जा बदलाव के लिए राज्य स्तरीय संचालन समितियों का गठन करने को कहा है. कई राज्य पहले ही इन समितियों का गठन कर चुके हैं.

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