आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर सबसे महत्वपूर्ण है। भाजपा नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसी विजन के साथ राज्य के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे समृद्धि एक्सप्रेसवे की शुरुआत की थी। इसे ‘हिंदू हृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग’ के नाम से भी जाना जाता है। समृद्धि एक्सप्रेसवे मुंबई और नागपुर को जोड़ती है। इसकी लंबाई 701 किलोमीटर है। समृद्धि एक्सप्रेसवे का निर्माण अंतिम चरण में है।
देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर के मेयर के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान पहली बार इसकी संकल्पना की थी। इसके बाद से फडणवीस और उनका प्रशासन इस परियोजना को जमीन पर उतारने के पीछे प्रेरक शक्ति रहा है। फडणवीस की शुरुआती दृष्टि नागपुर में बुनियादी ढांचे में सुधार पर केंद्रित थी। इसने नागपुर को मुंबई से जोड़ा। मुंबई से सीधा संपर्क होने से नागपुर में आर्थिक विकास तेज होगा। उन्होंने कहा था, “यह एक्सप्रेसवे महाराष्ट्र के लिए एक नया विकास इंजन तैयार करेगा। यह ग्रामीण क्षेत्रों को शहरी केंद्रों से जोड़ेगा। इससे विदर्भ की क्षमता का पूरा उपयोग हो सकेगा।”
महाराष्ट्र का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है समृद्धि एक्सप्रेसवे
समृद्धि एक्सप्रेसवे की घोषणा 2015 में की गई थी। अगले 4 साल में ग्रीनफील्ड अलाइनमेंट का समर्थन करने के लिए सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर ली गईं। इनमें परियोजना रिपोर्ट की तैयारी, भूमि अधिग्रहण, कार्यान्वयन और वित्तपोषण शामिल थे। एक्सप्रेसवे निर्माण का काम 2019 में शुरू हुआ था। इसका चरणबद्ध उद्घाटन 11 दिसंबर 2022 को शुरू हुआ। पहले नागपुर को शिरडी से जोड़ने वाला 520 किलोमीटर लंबा हिस्सा जनता को समर्पित किया गया।
इससे नागपुर से शिरडी जाना आसान हुआ। लोगों को समय की बचत होने लगी। मध्य महाराष्ट्र के लिए कनेक्टिविटी में वृद्धि हुई। दूसरे चरण में शिरडी और इगतपुरी के बीच 80 किलोमीटर लंबे हिस्से का निर्माण हुआ। इसे मई 2023 में खोला जाएगा। अंतिम चरण में इगतपुरी को मुंबई से जोड़ा जाएगा। इससे 701 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे पूरा हो जाएगा। इसके पूरा होने पर नागपुर से मुंबई जाने में करीब 8 घंटा कम समय लगेगा। इस परियोजना में छह सुरंगें हैं। इनमें कसारा घाट और इगतपुरी के बीच 7.7 किलोमीटर लंबी जुड़वां सुरंगें शामिल हैं। यह महाराष्ट्र की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग है।