लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद लापरवाह पुलिसकर्मियों पर गाज गिरनी शुरू हो गई है। आदर्श आचार संहिता खत्म होने के बाद पहले ही दिन बुधवार को पहले चरण में दस चौकी प्रभारियों को लाइन हाजिर कर दिया गया। अधिकारियों के मुताबिक यह चौकी प्रभारी आदर्श आचार संहिता लागू रहने के दौरान लूट-छिनैती घटना रोकने में नाकाम रहे। आदर्श आचार संहिता में तबादलों से लेकर निलंबन और लाइन हाजिर जैसी कार्रवाई का अधिकार सिर्फ निर्वाचन आयोग के पास था। जिसके चलते कुछ पुलिसकर्मी चुनाव के दौरान बेलगाम हो गए। आदर्श आचार संहिता खत्म होते ही सबसे पहले ऐसी ही पुलिसकर्मियों को चिन्हित कर कार्रवाई का सिलसिला शुरू किया गया। इसी क्रम में बुधवार को तीनों जोन के दस चौकी प्रभारियों को लाइन का रास्ता दिखाया गया।
अधिकारियों का कहना है कि आदर्श आचार संहिता लागू रहने के दौरान यह चौकी प्रभारी लूट और छिनैती की घटनाएं रोकने में पूरी तरह नाकाम साबित हुए। लाइन हाजिर किए गए चौकी प्रभारियों में तीन सिटी जोन, पांच ट्रांस हिंडन जोन तथा दो ग्रामीण जोन के हैं। सिटी जोन में विजयनगर की प्रताप विहार चौकी के प्रभारी विकास अग्निहोत्री, सिहानी गेट की लोहिया नगर चौकी के प्रभारी गोविंद सिंह, नंदग्राम की मोरटा पुलिस चौकी के प्रभारी धर्मवीर सिंह, ट्रांस हिंडन जोन में इंदिरापुरम की कनावनी चौकी के प्रभारी विनोद कुमार, अभयखंड चौकी के प्रभारी सौरभ राठौर, वसुंधरा चौकी के प्रभारी रानू चौधरी और नीतिखंड चौकी के प्रभारी हरेंद्र मलिक तथा कौशांबी थाने की कौशांबी चौकी के प्रभारी देवेश कुमार सिंह लाइन हाजिर किए गए हैं। इनके अलावा ग्रामीण जोन में ट्रोनिका सिटी चौकी के प्रभारी सोहन गोला और लोनी बॉर्डर चौकी के प्रभारी विनोद कुमार पांडेय पर गाज गिरी है।