प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया मालदीव यात्रा भारत-मालदीव द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रही। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों ने कई रणनीतिक, आर्थिक, सुरक्षा और सांस्कृतिक क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया। यह यात्रा “नये दौर की मित्रता” का प्रतीक बनकर उभरी।
🔹 मुख्य बिंदु — Maldives यात्रा की प्रमुख उपलब्धियाँ
1. सुरक्षा एवं सामरिक सहयोग:
भारत ने मालदीव को मैरिटाइम सिक्योरिटी मजबूत करने के लिए उन्नत डोर्नियर एयरक्राफ्ट और फास्ट इंटरसेप्टर बोट्स सौंपे।
दोनों देशों ने हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा साझेदारी को और मज़बूत करने का संकल्प लिया।
2. आर्थिक सहयोग एवं विकास परियोजनाएं:
भारत ने मालदीव में ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट (GMCP) के तहत 500 मिलियन USD की सहायता प्रदान की है।
भारत ने कई स्थानीय समुदाय आधारित परियोजनाएं (Community Development Projects) की घोषणा की, जैसे स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र और सोलर प्रोजेक्ट्स।
3. सांस्कृतिक और जन-संपर्क:
दोनों देशों के बीच जन-जन के स्तर पर रिश्ते मजबूत करने हेतु भारत ने शैक्षिक छात्रवृत्तियाँ और प्रशिक्षण कार्यक्रम बढ़ाने की घोषणा की।
भारतीय फिल्में, योग और भाषा को लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन पर सहमति बनी।
4. स्वास्थ्य और चिकित्सा:
भारत ने मालदीव के अस्पतालों को मेडिकल उपकरण, टेलीमेडिसिन सहायता और डॉक्टर्स की प्रशिक्षण जैसी सेवाएं देने का वादा किया।
एक AIIMS जैसे उच्चस्तरीय अस्पताल की संभावित स्थापना पर भी बातचीत हुई।
5. ऊर्जा एवं पर्यावरण:
भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए सोलर पावर प्रोजेक्ट्स की घोषणा की।
जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए साझा कार्य योजना तैयार की जाएगी।
🤝 भारत-मालदीव संबंधों की नई दिशा
इस यात्रा ने यह स्पष्ट किया कि भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ “Neighborhood First” नीति को पूरी तरह निभा रहा है। मालदीव ने भी भारत को अपने सबसे विश्वसनीय साझेदार के रूप में स्वीकार किया।