नई दिल्ली (मानवीय सोच) चंद्र और मंगल अभियान के बाद अब भारत अमेरिका और अन्य देशों के साथ वीनस (शुक्र) की यात्रा में भी भाग लेने जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य वीनस के वायुमंडल के बारे में जानकारी जुटाना है। शुक्र ग्रह सल्फ्यूरिक एसिड के बादलों से ढका है और इसका वायुमंडल बेहद जहरीला और कोरोसिव है।
ISRO के चेयरमैन एस सोमनाथ ने कहा कि इस अभियान पर कई वर्षों से काम चल रहा है लेकिन स्पेस एजेंसी अब अपना ऑर्बिटर वीनस पर भेजने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार है, पूरा प्लान तैयार है, लागत का अनुमान लगा लिया गया है, सारा काम पूरा हो चुका है। बहुत ही कम समय में भारत मिशन वीनस के लिए तैयार होगा।
ISRO दिसंबर 2024 में ऑर्बिटल मैनोवर्स को लॉन्च करने की योजना बना रहा है जब पृथ्वी और वीनस एक सीध में आ जाएंगे। अगर इस समय लॉन्चिंग होगी तो कम से कम प्रोपेलैंट इस्तेमाल करके इसे वीनस की ऑर्बिट में स्थापित किया जा सकेगा। हालांकि ISRO ने इस मिशन की टाइमलाइन की आधिकारिक घोषणा नहीं की है।
ISRO के अलावा NASA भी वीनस के लिए दो स्पेसक्राफ्ट भेजने की तैयारी कर रहा है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी ने वीनस के बारे में पता लगाने के लिए लगभग 1 अरब डॉलर खर्च करने की योजना बनाई है। इसी तरह यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने भी वीनस के लिए एक मिशन का ऐलान किया है। यूरोप का एनविजन वीनस की कक्षा में स्थापित होने वाला अगला ऑर्बिटर होगा।