अखिलेश यादव

अयोध्या जैसा जमीनों का घोटाला कहीं और नहीं हुआ: अखिलेश यादव

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में हुए प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर तो बुधवार को विधानसभा में कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन यह कहने से नहीं चूके कि जमीनों का जैसा घोटाला अयोध्या में हुआ, वैसा कहीं नहीं हुआ। वहां जमीनों की रजिस्ट्री कराकर कई लोगों ने मिनटों में करोड़ों रुपये कमा लिए।

उन्होंने आरोप लगाया कि अयोध्या में रामपथ व हवाई अड्डा के निर्माण तथा पंचकोसी व 84 कोसी परिक्रमा मार्गों को चौड़ा किए जाने से विस्थापित लोगों को सरकार ने कम मुआवजा दिया। यह भी कहा कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा देने वाली भाजपा सरकार सबको साथ तो लाना चाहती है, लेकिन सबका विकास नहीं चाहती।

उन्होंने कहा कि सरकार कुछ लोगों को ही सब कुछ देना चाहती है। इसी बात को लेकर हमारा सरकार से झगड़ा है। बिना पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) के विकास के उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य प्राप्त नहीं हो सकता है।

वह राज्यपाल के अभिभाषण पर सत्तापक्ष की ओर से लाये गए धन्यवाद प्रस्ताव पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि लोकराज लोकलाज से चलता है। राज्यपाल के अभिभाषण की तमाम बातें सच्चाई से दूर हैं।

बिस्कुट बनाने वाली कंपनी से सीखा चोरी का गुर

भाजपा पर किसानों से धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि उसने यूरिया की बोरी में चोरी का गुर बिस्कुट बनाने वाली एक कंपनी से सीख ली है। निराश्रित पशुओं की समस्या का उल्लेख करते हुए पूछा कि किसान खेती करे या अपनी फसल को बचाने के लिए आंदोलन? भाजपा सरकार ने प्रदेश में एक भी मंडी नहीं बनाई। फसल बीमा के नाम पर लूट जारी है।

केंद्र की अग्निवीर योजना पर हमला करते हुए कहा कि इसके जरिये उत्तर प्रदेश के साथ सबसे बड़ा धोखा हुआ है। पहले उत्तर प्रदेश से हर साल 70,000 नौजवानों को सेना में सैनिक की स्थायी नौकरियां मिलती थीं। इनमें 80 प्रतिशत संख्या पिछड़ों, दलितों और गरीबों की होती थी। पीडीए को हाशिये पर लाने के लिए केंद्र की भाजपा सरकार ने यह योजना लागू की।

प्रदेश को 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त होने के सरकारी दावे पर सवाल खड़ा करते हुए सरकार से यह भी पूछा कि उपर में वास्तविक निवेश कितना हुआ है? कटाक्ष भी किया कि उद्योग लगने से यदि प्रदेश में नौजवानों को रोजगार मिलता तो वे मजबूरी में ‘वार जोन’ बने इजरायल में काम करने न जा रहे होते।

अखिलेश ने सरकार से जानना चाहा कि आईएएस, आईपीएस सेवाओं और विश्वविद्यालयों में पीडीए कितने हैं? फिर बोले कि जो आबादी में ज्यादा हैं, उन्हें कुछ नहीं मिल रहा है। सबका साथ पाने के लिए सामाजिक न्याय जरूरी है। सामाजिक न्याय के लिए जातिवार जनगणना जरूरी है।

केंद्र-राज्य की टकराहट में भी उत्तर प्रदेश नंबर एक

राज्यपाल के अभिभाषण में बताई गईं राज्य सरकार की उपलब्धियों पर कटाक्ष कहते हुए अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश सबसे अधिक संख्या में कार्यवाहक डीजीपी बनाने, निराश्रित पशुओं से होने वाली दुर्घटनाओं, झूठे प्रचार पर सरकारी खर्च, अपने लोगों पर दर्ज मुकदमे हटाने, बेरोजगारों पर लाठियां चलवाने, महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में लिप्त अपराधियों को बचाने, दलितों-पिछड़ों के उत्पीड़न, पीडीए को प्रताड़ित करने, लोगों की लगी-लगाई नौकरियां छीनने, केंद्र और राज्य की टकराहट तथा जनता को गुमराह करने में नंबर एक है।