राजस्थान (मानवीय सोच) हाल ही में कुछ पुलिसकर्मियों के तबादले को लेकर जो आदेश जारी हुआ है उसे लेकर हंगामा मच गया। दरअसल पुलिसकर्मियों के ट्रांसफर ऑर्डर में कास्ट यानी जाति का जिक्र किया गया था। उच्च अधिकारियों द्वारा जारी किये गये इस आदेश की एक कॉपी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही थी। जिसके बाद सोशल मीडिया पर इसे लेकर काफी चर्चा हो रही थी। दरअसल टोंक जिले के पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी ने बीते शनिवार को पुलिकर्मियों के ट्रांसफर की एक लिस्ट जारी की थी। इस लिस्ट में पुलिसकर्मियों के नाम के साथ-साथ यह बताया गया था कि उनका ट्रांसफर कहां हुआ है? लेकिन इसमें ,सभी पुलिसकर्मियों की जाति का जिक्र भी था।
ट्रांसफर ऑर्डर में जाति का जिक्र किये जाने के बाद कई लोग इसकी आलोचना कर रहे थे। आठ कॉन्स्टेबलों के ट्रांसफर से संबंधित इस सूची को लेकर डिपार्मटमेंट की किरकिरी होने के बाद अब विभाग ने अब इसपर अपनी गलती मान ली है। विभाग की तरफ से कहा गया है कि जानबूझ कर यह भूल नहीं की गई है, बल्कि ऐसा गलती से हो गया। टोंक के पुलिस अधीक्षक मनीष मनीष त्रिपाठी ने ट्रांसफर का जो ऑर्डर जारी किया था उसमें पुलिसकर्मियों के नाम के तुरंत बाद उनकी जाति का जिक्र था।
हालांकि, आलोचना होने के बाद अब एसपी ने एक और आदेश जारी कर इस ट्रांसफर सूची को वापस ले लिया है। उन्होंने साफ किया है कि जाति का उल्लेख गलती से हो गया है। जल्द ही ट्रांसफर ऑर्डर को सुधार कर इसे जारी किया जाएगा। एसपी ने कहा जाति का जिक्र चूकवश हुई है और ऐसा किसी मंशा से नहीं किया गया था। ऑर्डर को तुरंत वापस लेकर फ्रेंश ट्रांसफर ऑर्डर जारी किया गया था। उन्होंने यह भी बताया कि कॉन्स्टेबलों ने अपनी मर्जी से ट्रांसफर के लिए आवेदन दिया था, जिसके बाद यह ट्रांसफर किया गया है।