सपा के गढ़ आजमगढ़ लोकसभा सीट पर भाजपा ने फिर सांसद दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ पर ही दांव लगाया है। यादव बहुल इस सीट पर पर तीसरी बार चुनाव लड़ाने के लिए पार्टी ने दिनेश लाल यादव निरहुआ के नाम पर मुहर लगाई है।
आजमगढ़ की सदर लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा यादव मतदाताओं की संख्या लगभग चार लाख है । उसके बाद मुस्लिम 3.50 लाख और तीसरे नंबर पर दलित लगभग तीन लाख हैं। पिछले कुछ लोकसभा चुनावों की बात करें, तो इस सीट पर समाजवादी पार्टी का कब्जा रहा है। जबकि बसपा भी इस सीट पर तीन बार विजय प्राप्त कर चुकी है। यादव मतों में सेंधमारी करने पर ही रमाकांत यादव के जरिए 2009 के लोकसभा उपचुनाव में भाजपा का इस सीट पर पहली बार कमल खिला था।
मुलायम सिंह यादव के खिलाफ लड़े थे चुनाव
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यादव को रिझाने के लिए सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के खिलाफ मैदान में उतारा था। तब मुलायम सिंह यादव को जिताने के लिए उनके परिवार को लगना पड़ गया था, तब कहीं पर मात्र 60 हजार वोटों से ही इस सीट पर मुलायम सिंह यादव जीत पाए थे।
2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के मुकाबले में बीजेपी ने यादवों में सेंधमारी करने के लिए भोजपुरी फिल्म अभिनेता दिनेश लाल यादव निरहुआ को दांव पर लगाया था। हालांकि इस चुनाव में बसपा और सपा का गठबंधन हुआ था। बसपा का उम्मीदवार यहां नहीं था। तब अखिलेश यादव यहां से विजयी हुए। बीजेपी के दिनेश लाल यादव 2 लाख 59 हज़ार से वोट से चुनाव हार गए थे।
2022 उपचुनाव में धर्मेंद्र यादव को दी थी शिकस्त
वर्ष 2022 के उपचुनाव में बीजेपी ने दोबारा दिनेश लाल यादव निरहुआ को सपा के गढ़ को तोड़ने के लिए मैंदान में उतारा था। सपा ने धर्मेंद्र यादव को मैदान में उतारे थे। इस चुनाव में यादव रेजीमेंट की मांग को पूरा करने का वादा कर दिनेश लाल यादव निरहुआ यादव मतों में सेंधमारी करने में कामयाब हो गए और लगभग आठ हजार वोटों से भाजपा से सांसद चुन लिए गए। अब तीसरे बार पार्टी ने दिनेश लाल यादव निरहुआ को ही यादव मतों में सेंधमारी करने के लिए चुनाव मैदान में उतरने के लिए हरी झंडी दे दी है।
भोजपुरी फिल्मों में चर्चित अभिनेता दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ पूर्वांचल में चर्चित नाम है। भोजपुरी फिल्म अभिनेता के नाते सियासत में एंट्री करने से पहले ही वे यादवों में काफी लोकप्रिय माने जाते रहे हैं। इधर आजमगढ़ की सीट को भाजपा बरकरार रखने के लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव को भी जिले में भेज चुकी है। यही वजह रही कि भाजपा ने दिनेश लाल यादव निरहुआ को तीसरी बार भी चुनाव मैदान में उतारा है।