📰 NCERT जोड़ेगा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को पाठ्यक्रम में, बच्चों को सिखाई जाएगी भारत की सैन्य रणनीति
भारत की शिक्षा प्रणाली अब छात्रों को न केवल किताबों की दुनिया से, बल्कि देश की सैन्य शक्ति और कूटनीतिक रणनीतियों से भी परिचित कराने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर आधारित दो विशेष शैक्षिक मॉड्यूल तैयार किए हैं, जिन्हें कक्षा 3 से 12 तक के छात्रों को पढ़ाया जाएगा।
📘 क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
7 मई 2025 को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई की थी। यह ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत के बाद शुरू हुआ था। चार दिनों तक चली इस सैन्य कार्रवाई में ड्रोन, मिसाइल और एयर स्ट्राइक के जरिए पाकिस्तान की सीमा के अंदर मौजूद कई आतंकी लॉन्च पैड्स को ध्वस्त किया गया।
10 मई को दोनों देशों के बीच युद्धविराम पर सहमति बनी, और भारत की सटीक, सीमित और उद्देश्यपूर्ण कार्रवाई की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना हुई।
📚 NCERT का उद्देश्य क्या है?
NCERT द्वारा तैयार किए गए ये मॉड्यूल दो स्तरों पर लागू किए जाएंगे:
कक्षा 3 से 8 तक: सरल भाषा में देशभक्ति, साहस, राष्ट्रीय सुरक्षा और सैनिकों की भूमिका को समझाया जाएगा।
कक्षा 9 से 12 तक: अधिक गहराई से भारत की सैन्य रणनीति, रक्षा तंत्र, सरकार के विभिन्न मंत्रालयों की भूमिका और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति को पढ़ाया जाएगा।
प्रत्येक मॉड्यूल 8-10 पृष्ठों का होगा, और इसे जुलाई-अगस्त 2025 से स्कूलों में पढ़ाया जाएगा।
🧠 क्यों खास है यह पहल?
छात्रों को देश की रक्षा रणनीति और आतंकवाद से निपटने के तरीकों की समझ विकसित करने का अवसर मिलेगा।
यह उन्हें समाचारों में पढ़े गए घटनाक्रमों से शिक्षात्मक रूप में जोड़ने में सहायक होगा।
इस मॉड्यूल के ज़रिए देशभक्ति, संवेदनशीलता और रणनीतिक सोच जैसे मूल्यों को बढ़ावा देने का प्रयास किया जाएगा।
📌 अब तक तैयार हुए अन्य विशेष मॉड्यूल:
NCERT ने 2023 से अब तक कई ऐसे विशेष मॉड्यूल जारी किए हैं, जिनमें शामिल हैं:
G20 भारत अध्यक्षता
नारी शक्ति वंदन अधिनियम
विकसित भारत 2047 विजन
चंद्रयान उत्सव
विभाजन की विभीषिका
🗣 सरकार और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया:
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर को “भारत की आत्मरक्षा और आतंकवाद के विरुद्ध निर्णायक रुख” बताया है। वहीं शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, “छात्रों को वास्तविक घटनाओं से जोड़ना आज की शिक्षा की सबसे बड़ी आवश्यकता है। इससे उनमें जानकारी के साथ-साथ राष्ट्रीय जिम्मेदारी की भावना भी विकसित होती है।