पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और मतदान एजेंट को कथित रूप से हिरासत में लिए जाने के खिलाफ शनिवार को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में एक पुलिस थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट पर चुनाव के लिए शनिवार को मतदान जारी है जहां पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती समेत 20 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। महबूबा ने यह भी दावा किया कि उनके मोबाइल नंबर से फोन करने की (‘आउटगोइंग कॉल’) सुविधा बिना किसी स्पष्टीकरण के निलंबित कर दी गई है। हालांकि, पुलिस ने कहा कि हिरासत में लिए गए लोग ‘ओवरग्राउंड वर्कर’ (आतंकवादियों के सहयोगी) हैं और यह कार्रवाई चुनाव का सुचारु संचालन सुनिश्चित करने के लिए की गई है। महबूबा ने श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर बिजबेहरा पुलिस थाने के बाहर धरना दिया। प्रदर्शनकारियों ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए और हिरासत में लिए गए लोगों को तुरंत रिहा करने की मांग की।
महबूबा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारे पीडीपी मतदान एजेंट को निशाना बनाया जा रहा है और गिरफ्तार किया जा रहा है। हम इसका कारण पूछ रहे हैं लेकिन वे कुछ नहीं बता रहे। अगर वे मेरे संसद जाने से इतना डरते हैं तो उपराज्यपाल को मुझसे चुनाव नहीं लड़ने के लिए कह देना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि इस तरह की ‘‘धांधली’’ 1987 में देखी गई थी। कई लोगों का मानना है कि उसी के कारण कश्मीर में आतंकवाद भड़का था। पुलिस ने कहा कि केवल उन कुछ लोगों को ही हिरासत में लिया गया है जिनका पिछला रिकॉर्ड ‘‘खराब’’ है और जो मतदान के दिन कानून-व्यवस्था के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है, वे ‘ओवरग्राउंड वर्कर’ हैं और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए उन्हें एहतियातन हिरासत में लिया गया है।’’