(मानवीय सोच) : अल्पसंख्यक मंत्रालय में स्कॉलरशिप घोटाला सामने आया है. ये मामला फर्जी संस्थान और फर्जी छात्रों के जरिए करोड़ों रुपये का है. सूत्रों के हवाले से ये जानकारी सामने आई है. घोटाला 2007-2008 से लेकर 2022 तक चला. 22000 करोड़ के इस घोटाले में गबन का मामला है. अल्पसंख्यक मंत्रालय ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है. जांच 10 जुलाई सीबीआई को सौंपी गई थी.
अल्पसंख्यक मंत्रालय ने 21 राज्यों के 1572 माइनॉरिटी इंस्टिट्यूट की जांच की. इसमें से 830 इंस्टिट्यूट सिर्फ कागजों पर चल रहे थे. जांच में 53 फीसदी संस्थान फेक या नॉन ऑपरेटिव निकले. इसकी डांच मंत्रालय ने NCAER से करवाई. पिछले 5 सालों में सिर्फ 830 संस्थानों में 144.83 करोड़ का घोटाला सामने आया. 830 फर्जी संस्थानों का अकाउंट फ्रीज किया गया है.
जांच में क्या बातें सामने आईं?
144.83 करोड़ रुपये फर्जी संस्थानों के नाम पर निकासी किए गए. स्कॉलरशिप मदरसों और अल्पसंख्यक संस्थानों में पढ़ने वाले बच्चों को दिया जाता है. फर्जी ढंग से स्कॉलरशिप को फर्जी अकाउंट और गलत नाम पर ट्रांसफर करने का गोरखधंधा चल रहा था. एक मोबाइल नंबर पर 22 बच्चे रजिस्टर्ड थे. जांच के दौरान यह जानकारी सामने आई.