एक दशक में 2 करोड़ से अधिक युवाओं को मिला प्रशिक्षण: स्किल इंडिया ने बदली देश की तस्वीर
इंट्रो:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना स्किल इंडिया मिशन ने अपने 10 वर्ष पूरे कर लिए हैं।
इस दौरान देशभर में 2 करोड़ से ज्यादा युवाओं को हुनरमंद बनाकर उन्हें रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए गए हैं।
अब भारत न केवल घरेलू जरूरतों के लिए बल्कि वैश्विक मांगों के अनुसार भी कुशल जनशक्ति तैयार कर रहा है।
मुख्य खबर:
2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई Skill India योजना का उद्देश्य था — भारत को “Skill Capital of the World” बनाना। एक दशक के भीतर यह पहल 20 करोड़ से अधिक लोगों को प्रशिक्षण देने में सफल रही है। अब भारत के युवा सिर्फ गांव या शहरों तक सीमित नहीं, बल्कि जापान, जर्मनी जैसे देशों में भी रोजगार पा रहे हैं।
सरकार ने स्किलिंग प्रणाली को पूरी तरह से उद्योग आधारित, तकनीक-संचालित और परिणामोन्मुखी बना दिया है। पारंपरिक ट्रेड्स से लेकर अत्याधुनिक क्षेत्रों जैसे AI, डेटा एनालिटिक्स, ड्रोन टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रिक व्हीकल तक, युवाओं को व्यावसायिक शिक्षा दी जा रही है।
प्रमुख पहलें:
- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY)
- इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स (ITIs) का आधुनिकीकरण
- विदेशों में रोजगार की दिशा में स्किल पासपोर्ट जैसी योजनाएं
- डिजिटल स्किलिंग के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स का विस्तार
सरकारी आंकड़ों के अनुसार:
अब तक 2 करोड़ से अधिक लोग प्रशिक्षित
हजारों प्रशिक्षण केंद्र देशभर में कार्यरत
लाखों युवाओं को मिला रोजगार या स्वरोजगार का अवसर
निष्कर्ष:
स्किल इंडिया मिशन अब एक योजना नहीं, बल्कि भारत के युवाओं के भविष्य का प्रतीक बन चुका है। यह पहल देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मजबूत नींव साबित हो रही है।