इन दिनों कई लोग डायबिटीज की समस्या से जूझ रहे हैं। दुनियाभर में यह एक गंभीर समस्या बन चुकी है। खासकर भारत में बीते कुछ समय से इसके मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। ऐसे में इसे लेकर सतर्कता और जागरूकता दोनों की बेहद जरूरी हैं। डायबिटीज एक लाइलाज बीमारी है, जो किसी को भी अपनी चपेट में ले सकती है। इस बीमारी का शिकार हुए लोग दवाओं और अपनी लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव कर इसे कंट्रोल में रखते हैं।
नींद की कमी
नींद की कमी या खराब नींद कई स्वास्थ्य समस्याओं की वह बन सकती है। यह डायबिटीज में भी हानिकारक साबित होती है। नींद की कमी से शरीर के हार्मोनल संतुलन बाधित होते हैं, जिससे इंसुलिन रेजिस्टेंस और ब्लड शुगर का स्तर बढ़ सकता है। इसके अलावा नींद की कमी से मीठा खाने की क्रेविंग्स बढ़ सकती है, जिससे ब्लड शुगर में और वृद्धि हो सकती है।
आर्टिफिशियल स्वीटनर
शोध से पता चलता है कि एस्पार्टेम या सुक्रलोज जैसे आर्टिफिशियल स्वीटनर ब्लड शुगर के लेवल और इंसुलिन सेंसिटिविटी को प्रभावित कर सकते हैं। भले ही कई स्वीट फूड आइटम्स में इनका इस्तेमाल चीनी की जगह किया जाता है, लेकिन वह आपको ब्लड शुगर बढ़ाने योगदान दे सकते हैं।
तनाव और भय
तेजी से बदलती लाइफस्टाइल की वजह से इन दिनों लोग कई मानसिक समस्याओं का भी शिकार होते जा रहे हैं। तनाव और भय इन्हीं समस्याओं में से एक है, जो आपके ब्लड शुगर के लेवल को प्रभावित कर सकते हैं। जब शरीर को किसी खतरे का एहसास होता है, तो हमारे अंदर तनाव और भय भावना उत्पन्न होने लगती है, जिससे ब्लड शुगर का स्तर बढ़ सकता है।
फाइबर की कमी
शरीर में फाइबर की कमी भी ब्लड शुगर लेवल बढ़ा सकती है। इसकी कमी से ब्लड स्ट्रीम में शुगर का अब्जॉर्प्शन धीमा हो जाता है और स्थिर ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। कम फाइबर और हाई रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट वाली डाइट से ब्लड शुगर में तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है।
नाश्ते में कम प्रोटीन
अगर आप कम प्रोटीन वाला नाश्ता करते हैं, तो भी आपकी ब्लड शुगर बड़ सकती है। पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन के बिना, कार्बोहाइड्रेट का सेवन करने के बाद शरीर ब्लड शुगर के स्तर को ज्यादा तेजी से बढ़ा सकता है।