बिजनौर (मानवीय सोच) तीन साल पहले सीएए और एनआरसी विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा और आगजनी की घटनाओं में शामिल नहटौर के 60 प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने नोटिस जारी कर 57 लाख रुपये के नुकसान की भरपाई करने का निर्देश दिया है। नहटौर के थाना प्रभारी पंकज तोमर ने शनिवार को बताया कि 20 दिसंबर 2019 को नहटौर में सीएए/एनआरसी के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों ने हिंसक रूप अख्तियार कर लिया था। उन्होंने कहा कि भीड़ ने सरकारी संपत्ति में तोड़-फोड़ की थी और थाने पर खड़ी पुलिस की जीप और मोटरसाइकिलों में आग लगा दी थी।
तोमर के मुताबिक, इस दौरान भीड़ ने पुलिस पर पथराव भी किया था और जवाब में पुलिस को गोली चलानी पड़ी थी। उन्होंने बताया कि हिंसक प्रदर्शन में अनस और सलमान नाम के दो युवकों की गोली लगने से मौत हो गई थी। तोमर के अनुसार, प्रशासन ने प्रदर्शन के दौरान 57 लाख रुपये की सरकारी संपत्ति के नुकसान का आकलन किया था। उन्होंने बताया कि पुलिस ने अब हिंसा मे शामिल 60 आरोपियों को 57 लाख रुपये की भरपाई के लिए नोटिस जारी किए हैं।
यह था मामला
20 दिसम्बर 2019 को सीएए-एनआरसी को लेकर नहटौर में प्रदर्शन हुआ था। प्रदर्शन हिंसा में परिवर्तित हो गया था। मामले में प्रदर्शनकारियों ने थाने पर भी पथराव किया था। साथ ही पुलिस वाहनों में आग लगा दी थी। प्रदर्शन के दौरान गोली चलाई गई थी। इसमें मोहल्ला मंगू चर्खी निवासी सुलेमान और मोहल्ला कस्बा निवासी अनस पुत्र अरशद की गोली लगने से मौत हो गई थी। घटना में तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक राजेश सोलंकी सहित 21 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। मामले को लेकर राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर नहटौर सुर्खियों में आ गया था। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी सहित विभिन्न राष्ट्रीय पार्टियों के प्रतिनिधियों ने नहटौर पहुंचकर घटना की जानकारी ली थी। मृतकों के परिजनों का ढांढस बंधाया था।
बिजनौर एसपी दिनेश सिंह ने बताया, सीएए-एनआरसी बवाल में नहटौर थानाक्षेत्र में क्षतिपूर्ति की वसूली के लिए 60 लोगों को नोटिस तामिल कराए गए हैं। पुलिस ने मुकदमों के आधार पर कार्रवाई की है।