गौतम बुद्ध नगर (मानवीय सोच) यूपी के ग्रेटर नोएडा के रिहायशी सेक्टरों के नाम बदले जा सकते हैं. अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा आदि के बजाय नाम सेक्टर एक, दो, तीन, चार जैसे संख्यात्मक अंकों के आधार पर रखने की तैयारी है. इस प्रस्ताव को अमलीजामा पहनाने के लिए प्राधिकरण ने कमेटी भी गठित कर दी है.
अल्फा, बीटा, गामा की जगह अब होंगे ये नाम
बता दें कि कमेटी ग्रेटर नोएडा वासियों से भी सुझाव लेगी. उसके बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा. 1991 में ग्रेटर नोएडा के गठन के बाद सेक्टरों के नाम अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा, Omicron, म्यू, ज्यू, चाई-फाई, पाई आदि रखे गए थे. कई जगह इन सेक्टरों के आस-पास संख्यात्मक अंकों वाले सेक्टर भी बसा दिए गए. मसलन, रिहायशी सेक्टर स्वर्णनगरी के पास ही सेक्टर-36 और 37 बसा दिया गया.
नाम बदलने के पीछे क्या है वजह?
इसी तरह सेक्टर एक, दो, तीन और सेक्टर 10, 12 ग्रेटर नोएडा वेस्ट में हैं. इनके बीच के कई अंक वाले सेक्टर हैं ही नहीं. इस वजह से लिखने, बोलने और समझने में बहुत असमंजस की स्थिति रहती है. इन सेक्टरों के लोकेशन का अंदाजा नहीं लग पाता है. इसे ध्यान में रखते हुए प्राधिकरण इन सेक्टरों के नाम बदलने पर विचार कर रहा है.
इन नामों को बदलने पर बनी सहमति
जान लें कि गुरुवार को सीईओ नरेंद्र भूषण की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें एसीईओ दीप चंद्र और अमनदीप डुली समेत सभी वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. बैठक में इन नामों को बदलने पर सहमति बन गई. हालांकि जितने भी औद्योगिक सेक्टर हैं, उनके नाम ईकोटेक से रहेंगे. संस्थागत और आईटी सेक्टरों के नाम नॉलेज पार्क वन, टू, थ्री, फोर से ही रहेंगे.
इसके अलावा टेकजोन नाम खत्म किए जाएंगे. रिहायशी सेक्टरों के नाम सेक्टर- एक, दो, तीन, चार जैसे संख्यात्मक अंकों से होंगे. इनके लागू होने के बाद संपत्ति की लीज डेड होने पर नए नाम के साथ ही कोष्ठक में पुराने नाम भी लिखे जाएंगे ताकि कोई असमंजस की स्थिति उत्पन्न ना हो.
इस प्रस्ताव को अमलीजामा पहनाने के लिए सीईओ ने एसीईओ दीप चंद्र की अध्यक्षता में कमेटी बना दी है. कमेटी से जल्दी प्रस्ताव देने को कहा गया है. कमेटी इसे अंतिम रूप देने से पहले ग्रेटर नोएडा वासियों से भी सुझाव लेगी. उसके बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा.