लखनऊ : (मानवीय सोच) बिजली घरों में छह फीसदी विदेशी कोयले की खरीद के लिए केंद्र ने एक बार फिर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने 25 अक्तूबर को विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र भेजा है। इसमें मार्च तक छह फीसदी आयातित कोयला खरीदने का निर्देश दिया है। इसकी भनक लगते ही इंजीनियर्स फेडरेशन और उपभोक्ता परिषद ने विरोध करना शुरू कर दिया है। तर्क है कि भारतीय कोयले की तुलना में आयातित कोयला करीब छह से 10 गुना तक महंगा होता है।
प्रदेश की सभी उत्पादन इकाइयां देशी कोयले से चल रहे हैं। केंद्रीय विद्युत मंत्रालय की ओर से पिछले साल छह फीसदी आयातित कोयले का प्रयोग करने का निर्देश दिया गया था। इसके बाद भी अभी तक उत्तर प्रदेश पूरी तरह से देशी कोयले का प्रयोग कर रहा है। अब केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने देश में सभी राज्यों के ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव एवं प्रमुख सचिव को पत्र भेजा है। इसमें कुल कोयला खपत का छह फीसदी आयातित कोयले का प्रयोग मार्च 2024 तक करने का निर्देश दिया है।