बंगाल में कोलकाता के आरजी कर कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर के दुष्कर्म-मर्डर केस को लेकर जूनियर डॉक्टर आज यानी बुधवार को फिर से मार्च निकालेंगे। आज यह मार्च कोलकाता में कॉलेज स्क्वायर से धर्मतला तक निकाला जाएगा। जानकारी दें कि जूनियर डॉक्टरों ने बीते 1 अक्टूबर को फिर से हड़ताल शुरु कर दी है। वहीं राज्य की ममता सरकार पर दबाव बनाने के लिए पूरी तरह काम भी बंद कर दिया है।
अब डॉक्टरों की मांग है कि उन्हें पूरी तरह सुरक्षा दी जाए। वहीं इससे पहले जूनियर डॉक्टर बीते 10 अगस्त से लेकर 42 दिन तक विरोध प्रदर्शन करते रहे। 21 सितंबर को सरकारी अस्पतालों में ड्यूटी पर वापस आए थे। हालांकि इधर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने अस्पतालों की सुरक्षा में कोताही पर ममता सरकार की खुब खिंचाई की थी और आदेश दिया था कि सभी अस्पतालों में 15 दिनों के अंदर सीसीटीवी लगाए जाएं।
बीते मंगलवार को प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टर ने कहा था कि , ” हमें सुरक्षा की हमारी मांगों को पूरा करने को लेकर राज्य सरकार का कोई सकारात्मक दृष्टिकोण नहीं दिख रहा। हम पर अब भी हमले हो रहे हैं और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठकों के दौरान किए गए अन्य वादों को पूरा करने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा। मौजूदा स्थिति में हमारे पास आज से काम पूरी तरह बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।जब तक राज्य सरकार इन मांगों पर स्पष्ट कार्रवाई नहीं करती,
तब तक कार्य पूरी तरह बंद रहेगा।” ऐसे में सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में बीते मंगलवार से काम पूरी तरह बंद रहने के कारण स्वास्थ्य सेवाएं ठप ही रहीं। इधर पश्चिम बंगाल सरकार ने बीते मंगलवार को स्वास्थ्य पेशेवरों के मुद्दों के समाधान के लिए एक राज्य-स्तरीय शिकायत निवारण समिति का गठन किया है। हालांकि यह घोषणा बीते मंगलवार को पश्चिम बंगाल में सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में कनिष्ठ चिकित्सकों द्वारा अनिश्चितकालीन ‘काम बंद’ मुहिम फिर से शुरू करने के कुछ घंटों बाद ही की गई।
इधर चिकित्सकों के विरोध प्रदर्शनों के साथ अभूतपूर्व तरीके से एकजुटता दिखाते हुए पूरे पश्चिम बंगाल में छोटी और बड़ी दोनों तरह की कई दुर्गा पूजा समितियों ने राज्य सरकार द्वारा त्योहार के लिए पारंपरिक रूप से दिए जाने वाले 85,000 रुपये के अनुदान को भी अस्वीकार कर दिया है, तथा इस वर्ष भव्य समारोह के आयोजन से परहेज करने का निर्णय भी लिया है। दुर्गा पूजा उत्सव की शुरुआत 9 अक्टूबर से होगी और यह 12 अक्टूबर को विजया दशमी पर समाप्त होगा।