लखनऊ (मानवीय सोच) हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने 1500 करोड़ के गोमती रिवर फ्रंट घोटाले के आरोपी राजकुमार यादव को जमानत देने से इनकार कर अर्जी खारिज कर दी। यह आदेश न्यायमूर्ति कृष्ण पहल ने दिया। मामले में सीबीआई ने यूपी सरकार के 17 जुलाई 2017 के आदेश के आधार पर ‘गोमती रिवर चैनलाइजेशन प्रोजेक्ट’ और ‘गोमती रिवर फ्रंट’ के कार्य में की गई वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों में प्राथमिकी दर्ज की थी।
आरोपियों के खिलाफ यह भी आरोप लगाया गया था कि अंबुज द्विवेदी की लिखित शिकायत पर स्थानीय पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गई और बाद में सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति आलोक कुमार सिंह की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग को जांच करने का आदेश दिया गया।
जांच के बाद सीबीआई ने आरोप पत्र दाखिल किया था। आरोपी की तरफ से केस में गलत फंसाए जाने की दलील के साथ जमानत पर रिहा करने की गुजारिश की गई। उधर, सीबीआई की ओर से जमानत अर्जी का विरोध किया गया।
कोर्ट ने कहा कि मामला 1500 करोड़ रुपये के घोटाले से संबंधित है। इस अवधि के दौरान आवेदक विभाग में कनिष्ठ सहायक/लिपिक था और प्रथम दृष्टया यह पाया जाता है कि वह भी भ्रष्टाचार की कड़ी का हिस्सा था।
मामले के तथ्यों व परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए पक्षकारों के अधिवक्ताओं की दलीलों और मामले के गुण-दोष पर कोई राय व्यक्त किए बिना कोर्ट ने आरोपी को जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया।