नई दिल्ली : (मानवीय सोच) जर्मनी में 22 महीने से फंसी बेबी अरिहा शाह के मसले पर मोदी सरकार एक्शन में आ गई है. भारत ने इस सप्ताह जर्मन राजदूत फिलिप एकरमैन को तलब किया और बच्ची की शीघ्र वापसी के लिए कहा है. ये बच्ची इस समय बर्लिन में एक फोस्टर केयर सेंटर में रह रही है. बच्ची के माता-पिता पर क्रूरता का आरोप लगाकर उसे कस्टडी में भेजा गया था. तब से परिजन लगातार परेशान हैं. दावा है कि क्रूरता के आरोप भी गलत पाए गए हैं. उसके बावजूद बच्ची को नहीं सौंपा जा रहा है.
मामला 23 सितंबर, 2021 का है. जब अरिहा शाह सिर्फ सात महीने की थी तब उसे एक एक्सीडेंटल इंजरी हुई तो मां धारा शाह बच्ची को लेकर डॉक्टर के पास पहुंचीं. वहां डॉक्टर्स ने चाइल्ड केयर सर्विस को फोन करके बुला लिया और उन्हें बच्ची को सौंप दिया. अरिहा अब तक 29 महीने की हो गई और 22 महीने से जर्मनी के यूथ वेलफेयर ऑफिस (जुगेंडमट) की कस्टडी में फॉस्टर केयर में रह रही है.