तीन माह बाद जेल में मुलाकात की पाबंदी हटी

लखनऊ (मानवीय सोच) तीन माह बाद जिला कारागार में मुलाकात करने पहुंचे अपनों को देखकर बन्दी भावुक हो गए। उनकी आंखें भर आईं। कई बन्दी जोर जोर से बिलखने लगे। मुलाकात घर में मौजूद बंदियों की पत्नी, पिता, बेटा व भाई भी आंसू नहीं रोक पाए। घर वलों ने इन्हें जल्द जमानत कराकर रिहाई की दिलासा दिलाई। तब जाकर बंदियों ने राहत की सांस ली। रविवार को 180 बन्दियों के परिजनों ने मुलाकात की।

जनवरी में प्रदेश में ओमीक्रोन के मामले आने पर शासन ने जेलों में बन्दियों की मुलाकात पर पाबंदी लगा दी थी। तबसे बन्दी घरवालों से मिल नहीं पा रहे थे। 23 मार्च को शासन द्वारा मुलाकात की पाबंदी हटाने के आदेश के अगले दिन जेल प्रशासन ने मुलाकात शुरू कर दी। जिला कारागार लखनऊ में रविवार को करीब 180 मुलाकात की पर्ची लगी। जेल प्रशासन ने उन मुलाकातियों को इजाजत दी। जिन्हें वैक्सीन की दोनों डोज या कोरोना जांच रिपोर्ट थी। अन्य को बिना मुलाकत लौटना पड़ा। वरिष्ठ अधीक्षक आशीष तिवारी के मुताबिक शासन से जारी नियम और शर्तों के अनुसार बंदियों की मुलाकात शुरू कर दी गई है।

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