बलात्कार के मामलों में दोषियों को मृत्युदंड सुनिश्चित करने वाला अपराजिता वुमन एंड चाइल्ड बिल पश्चिम बंगाल विधानसभा में पेश किया गया। बिना अनुमति अदालती कार्यवाही सहित रिपोर्ट करने पर पांच साल तक की कैद का भी बिल में प्रावधान है।
महिला डॉक्टर की हत्या मामले में सरकार की विफलता से ध्यान भटकाने के लिए यह कदम उठाया गया है।अपरजिता वुमन एंड चाइल्ड वेस्ट बंगाल क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट बिल 2024 बंगाल के कानून मंत्री मोलॉय घटक ने विधानसभा में पेश किया। युवा डॉक्टर की हत्या के बाद हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच घिरती सरकार का बचाव करने के लिए ममता बनर्जी ने यह कदम उठाया है।
इस कानून में संशोधन के तहत यौन उत्पीड़न पीड़िता की हत्या या गंभीर रूप से घायल होने पर दोषी को मृत्युदंड दिया जाएगा। कम से कम 20 साल की कैद का भी बिल में प्रावधान है। पीड़िता का नाम और पहचान उजागर करने वालों और तस्वीरें प्रसारित करने वालों को 3 से 5 साल तक की कैद की सजा हो सकती है। बिना अनुमति अदालती कार्यवाही सहित रिपोर्ट करने पर भी 5 साल तक की कैद की सजा हो सकती है।