लखनऊ (मानवीय सोच) केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (सीईआरसी) व केंद्र सरकार के आदेश के बावजूद पावर एक्सचेंज में महंगी बिजली बेचे जाने पर यूपी ने केंद्र सरकार से आपत्ति दर्ज कराई है। पावर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष एम. देवराज ने ऊर्जा मंत्रालय को पत्र भेजकर एक्सचेंज में बिजली बेचने की तय अधिकतम दर के उल्लंघन पर तत्काल रोक लगाने का अनुरोध किया है।
गौरतलब है कि राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद की शिकायत पर सीईआरसी ने एक अप्रैल से पावर एक्सचेंज में बिजली बेचने की अधिकतम दर 12 रुपये प्रति यूनिट तय की थी। मगर देश भर में एक बार फिर बिजली संकट गहराने के साथ ही तमाम निजी उत्पादकों ने सीईआरसी के कानून को ठेंगा दिखाते हुए एक्सचेंज में 17 रुपये यूनिट तक बिजली बेचनी शुरू कर दी। दो दिन पहले उपभोक्ता परिषद ने इसका खुलासा करते हुए केंद्रीय ऊर्जा सचिव व सीईआरसी से शिकायत कर इस पर रोक लगाने की मांग की थी। अब पावर कॉर्पोरेशन प्रबंधन भी आगे आ गया है।
यूपी पावर कॉर्पोरशन के अध्यक्ष ने भी केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग व ऊर्जा मंत्रालय को पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि एनर्जी एक्सचेंज की टर्म अहेड मार्केट (टीएएम) के तहत 17 रुपये प्रति यूनिट की बिजली बेची जा रही है, जो सीईआरसी द्वारा बनाए गए कानून के खिलाफ है। उन्होंने तत्काल कानून में बदलाव का अनुरोध करते हुए कहा कि पावर एक्सचेंज में डे अहेड मार्केट व रियल टाइम मार्केट के तहत 12 रुपये प्रति यूनिट की तय की गई अधिकतम दर टर्म अहेड मार्केट पर भी लागू की जाए।
सूत्रों का कहना है कि बिजली संकट के दौर में पावर एक्सचेंज में मुनाफाखोरी पर ऊर्जा मंत्रालय भी गंभीर हो गया है। जल्दी केंद्र सरकार विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 107 के तहत इसे लोक महत्व का विषय मानते हुए सीईआरसी से और सख्त कानून बनाने की सिफारिश करने जा रही है।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने शुक्रवार को पावर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष से मिलकर महंगी बिजली के खिलाफ लड़ाई में साथ देने के लिए उनका आभार जताया।