वाराणसी : (मानवीय सोच) कराटे में अंतरराष्ट्रीय स्तर तक खेल चुकीं दीपिका तिवारी यूपी बॉक्सिंग में नई पहचान बनकर उभरी हैं। साल 2000 में फटे जूते पहनकर प्रयागराज के बॉक्सिंग रिंग में उतरीं और पदक हासिल किया। हेड इंजरी से उबरने के बाद ककरमत्ता निवासी खिलाड़ी अमेरिका में होने वाली विश्व टाइटल जीतने की तैयारी में जुट गई हैं। फिलहाल लहुराबीर में अभ्यास कर रही हैं। दीपिका ने बताया कि वर्ष 2000 में प्रयागराज में एशियन कराटे चैंपियनिशप में पदक के साथ बेहतरीन खिलाड़ी का अवॉर्ड भी जीता। बीकॉम में बॉक्सिंग की ओर रुझान हुआ।
2015 में कोच धर्मेंद्र चौहान और जनार्दन यादव के प्रशिक्षण में सीनियर स्टेट चैंपियनशिप में जीत दर्ज की। मिजोरम में राष्ट्रीय प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता। बेहतर प्रशिक्षण के लिए साई छात्रावास हिसार में ट्रायल दिया और चयनित हुई। 2016 में आगरा के सैंट जॉन्स स्कूल में मैरीकॉम से मुकाबला हुआ। दीपिका ने बताया कि 2016 से लगातार सात बार राष्ट्रीय चैंपियनशिप और दो राष्ट्रीय खेलों में प्रतिभाग किया। केरल में प्रीति झांगर और चंडीगढ़ में पूजा टोकस से मुकाबला हुआ। चीन में दीपिका को हेड इंजरी हुई थी। उन्हें आठ महीने तक रिंग से बाहर रहना पड़ा था। जून 2023 में दोबारा वापसी की।