वाराणसी : (मानवीय सोच) सबसे बड़े फ्लाईओवर लहरतारा से चौकाघाट की 70 फीसदी लाइटें खराब हैं। शाम होते ही फ्लाईओवर पर अंधेरा छा जाता है। इससे हादसे का खतरा बना रहता है। चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर 1.7 किलोमीटर का है। कैंट स्टेशन के सामने से अंध्रापुल तक लाइटें नहीं जलती हैं।
स्ट्रीट लाइटों की खराबी का मुद्दा नगर निगम की हर कार्यकारिणी व सदन की बैठक में उठता है। इसी लिहाज से अमर उजाला ने शहर के अलग-अलग सड़कों की स्ट्रीट लाइटों की पड़ताल कराई। इससे पता चला कि शहर की ज्यादातर लाइटें खराब हैं। भिखारीपुर से बीएचयू रोड पर कहीं-कहीं लाइटें जलती मिलीं।
यही हाल रथयात्रा-महमूरगंज मार्ग का है। शहरी क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइटें लगाने का काम तीन विभागों को मिला है। इसमें जिला शहरी विकास अभिकरण (डूडा), नगर निगम और यूपी नेडा का नाम शामिल है। डूडा और नगर निगम बिजली से जलने वाली लाइटें लगाते हैं, जबकि यूपी नेडा सोलर लाइटें लगवाता है।