समाजवादी पार्टी ने इस बार गठबंधन धर्म निभाते हुए इलाहाबाद संसदीय सीट कांग्रेस को दे दी है और इससे सपा खेमे के कुछ कद्दावर नेताओं में खलबली है। वह चुनावी दंगल में उतरना चाहते हैं और कांग्रेस से हाथ मिलाने को आतुर है। इसके लिए कांग्रेस के कई बड़े नेताओं से संपर्क भी साधा जा चुका है।
उम्मीद है कि सप्ताह भर के भीतर ही पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी। इलाहाबाद संसदीय सीट से कांग्रेस का उम्मीदवार मैदान में उतारे जाने के एलान होने के बाद काफी समय से सपा से टिकट पाने की उम्मीद में बैठे कई कद्दावर नेताओं के साथ ही दावेदारों के अरमानों पर पानी फिर गया।
हालांकि, इसमें कुछ कद्दावर नेताओं ने टिकट के लिए दूसरे घर की तलाश शुरू कर दी। कांग्रेस की तरफ झुकाव अधिक रहा और समय बीतने के साथ ही पार्टी के कुछ बड़े नेताओं से मुलाकात भी कर ली। टिकट मिलेगा अथवा नहीं, यह साफ नहीं होने से इन कद्दावर नेताओं ने अभी तक कांग्रेस का दामन नहीं थामा है।
सूत्रों के मुताबिक दो दिन पहले भी इन कद्दावर नेताओं की कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से बात हुई, जिस पर यही कहा गया है कि 17 मार्च के बाद बैठक होगी और नाम पर विचार किया जाएगा। कहा जा रहा है कि टिकट मिलने की बात पुख्ता होने पर ही कद्दावर नेता कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करेंगे।
‘समाजवाद की आड़ में नमाजवाद का नकाब ओढ़े हैं अखिलेश’
चुनावी रंग चटख हो रहा है। शनिवार को तारीखों की घोषणा हो गई। इसके साथ ही भाजपा कार्यालय में महानगर अध्यक्ष राजेन्द्र मिश्र के नेतृत्व, मंडल अध्यक्ष गौरव गुप्ता के संयोजन में सपा नेता व पूर्व पार्षद विनोद सोनकर, शिव शंकर विश्वकर्मा करीब 200 समर्थकों के साथ पाला बदल लिया। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी व मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में विश्वास जताया।
कहा, सपा मुखिया अखिलेश यादव समाजवाद की आड़ में नमाजवाद का नकाब ओढ़े हैं। इस दल में सिर्फ एक परिवार पर ध्यान दिया जाता है। वहीं, भाजपा किसान मोर्चा के महानगर अध्यक्ष राजेश सिंह पटेल के नेतृत्व में सदर मंडल गंगा पट्टी के बेगम बाजार में रमाकांत यादव व रेनू यादव ने करीब 50 साथियों के साथ भाजपा की सदस्यता ली।
वहीं, फूलपुर लोकसभा के इलाहाबाद पश्चिमी विधानसभा की कोर कमेटी व संचालन समिति की बैठक मुंडेरा चुंगी के पास हुई। विधायक गुरु प्रसाद मौर्य ने कहा, कर्मठ कार्यकर्ताओं की टोली बनाकर अभियान में जुट जाएं। लोकसभा प्रभारी बालेन्दु त्रिपाठी ने कहा, प्रत्येक मंडल में बैठक जरूर करें। मुख्य अतिथि काशी क्षेत्र के पूर्व अध्यक्ष महेश चंद्र श्रीवास्तव ने बूथ प्रबंधन पर जोर दिया।